काले चने का इस्तेमाल ज़्यादातर घरों में खाने के लिए किया जाता है। इनके स्वास्थ्य लाभों पर कोई संदेह नहीं है। लेकिन काबुली चना कई मायनों में इससे भी ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित होता है। न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, काबुली चने में ऐसे पोषक तत्वों की प्रचुरता पाई गई, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।
आहार विशेषज्ञ मिरांडा गलाती ने यूएसए टुडे को बताया कि छोले फलीदार परिवार का हिस्सा हैं। ये छोले बेहतरीन कार्बोहाइड्रेट हैं, क्योंकि इनमें फाइबर और पौधे-आधारित प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है।
चना खाने के फायदे
खाद्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब चने को प्रोटीन, स्वस्थ वसा और सब्जियों के साथ खाया जाता है, तो वे कोलेस्ट्रॉल को कम करने, आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और वजन घटाने में सहायक होते हैं।
कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है!
हार्वर्ड टीएच के अनुसार, पिछले शोध से पता चला है कि चने का नियमित सेवन बृहदान्त्र सूजन, हृदय रोग और कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
एक दिन में कितना चना खाना चाहिए?
आप प्रतिदिन कम से कम एक सर्विंग (28 ग्राम) छोले खा सकते हैं। ध्यान रखें कि प्रतिदिन 70 ग्राम से ज़्यादा छोले खाने से पाचन संबंधी समस्याएँ जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
क्या चने में कुछ भी अस्वास्थ्यकर है?
ज़्यादातर लोगों के लिए चने का नियमित सेवन फ़ायदेमंद होता है। दरअसल, इनका सेवन करने से न सिर्फ़ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है, बल्कि एक अध्ययन से पता चला है कि ये बीमारियों को ठीक भी कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चने में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, इसलिए इन्हें नियमित रूप से खाना फ़ायदेमंद होता है।