वित्त मंत्रालय ने प्रत्यक्ष कर से संबंधित ‘विवाद से विश्वास योजना 2024’ के बारे में कुछ स्पष्टीकरण और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) प्रकाशित किए हैं। इसकी घोषणा बजट 2024 में ही की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सभी बकाया जुर्माना और ब्याज राशि को माफ करके करदाताओं को बकाया आयकर मामलों के लिए विवाद समाधान का अवसर प्रदान करना है।
यहां एक बात का ध्यान रखें कि जुर्माने और ब्याज की यह छूट भी सशर्त है। राहत पाने के लिए आपको उचित फॉर्म जमा करना होगा और विवादित टैक्स डिमांड की राशि भी तय तिथि तक जमा करानी होगी। अगर आप भी विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के रूप में जारी इस पत्र में विवाद समाधान योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र इकाई और भुगतान किए जाने वाले करों से संबंधित विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। आयकर विभाग ने कहा कि उसे हितधारकों से कई प्रश्न प्राप्त हुए हैं, जिनमें 1 अक्टूबर, 2024 से योजना के अधिसूचित होने के बाद विभिन्न प्रावधानों के बारे में मार्गदर्शन मांगा गया है।
योजना की अंतिम तिथि अभी अधिसूचित नहीं की गई है। ‘विवाद से विश्वास’ योजना का लाभ वे करदाता उठा सकते हैं जिनके विवाद उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयुक्त/संयुक्त आयुक्त (अपील) में 22 जुलाई, 2024 तक लंबित हैं।
इनमें रिट और विशेष अनुमति याचिकाएँ (अपील) शामिल हैं, चाहे वे करदाता द्वारा दायर की गई हों या कर अधिकारियों द्वारा। इस योजना में विवाद समाधान पैनल (डीआरपी) के समक्ष लंबित मामले और आयकर आयुक्त के समक्ष लंबित संशोधन याचिकाएँ भी शामिल होंगी।
अगर करदाता इस योजना का लाभ उठाने के लिए 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करते हैं, तो उन्हें विवादित कर मांग का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा। ऐसे मामलों में ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां घोषणा 1 जनवरी, 2025 को या उसके बाद की जाती है, तो विवादित कर मांग का 110 प्रतिशत करदाता को चुकाना होगा।