दृष्टि में सुधार: आयुर्वेद कुछ प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव बताता है जो आंखों के स्वास्थ्य में सुधार और दृष्टि में सुधार कर सकते हैं। हालाँकि, यह हमेशा याद रखना चाहिए कि चश्मा हटाना कोई त्वरित समाधान नहीं है, लेकिन इन आयुर्वेदिक उपायों को करने से आंखों की समस्याएं कम हो सकती हैं और आंखों की मांसपेशियां मजबूत हो सकती हैं।
इन आयुर्वेदिक उपचारों को नियमित रूप से अपनाने से आंखों के स्वास्थ्य में सुधार होता है और दृष्टि संबंधी समस्याओं से जल्द राहत मिलती है। हालांकि, आंखों से जुड़ी कोई गंभीर समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि आप आयुर्वेदिक तरीके से आंखों की देखभाल कैसे कर सकते हैं।
त्रिफला का उपयोग
त्रिफला एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में उपयोगी मानी जाती है। त्रिफला के पानी से आंखें साफ करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसका पानी तैयार करने के लिए एक चम्मच त्रिफला को रात भर एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह पानी को छान लें और फिर इस पानी से अपनी आंखें धोते रहें। त्रिफला चूर्ण के नियमित सेवन से आंखों के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
गाय का घी
आंखों के रोग में शुद्ध गाय का घी दवा के समान ही प्रभाव डालता है। रोज सुबह खाली पेट एक या दो चम्मच गाय का घी खाने से आंखों की कमजोरी दूर होती है और आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
नेत्र व्यायाम
नियमित आंखों के व्यायाम से भी आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। आंखों का व्यायाम करने के लिए आंख को दाएं-बाएं और फिर ऊपर-नीचे घुमाना चाहिए। यह व्यायाम हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए करना चाहिए।
अमला
आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करता है। रोजाना आंवले का जूस या आंवले के मुरब्बे का सेवन आंखों के लिए फायदेमंद होता है। आंवले को त्रिफला के साथ मिलाकर भी खाया जा सकता है जो अधिक प्रभावी साबित होता है।
आंखों को आराम दें
अगर आप आंखों की चमक बढ़ाना चाहते हैं तो शरीर को हाइड्रेट रखें और समय-समय पर आंखों को आराम दें। दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है नहीं तो आंखों में सूखापन आ जाता है। इसके अलावा धूप में निकलते समय आंखों को बचाकर रखें। काम करते समय भी हर कुछ मिनट में आंखों को आराम दें।