चित्तौड़गढ़, 7 अगस्त (हि.स.)। चित्तौड़गढ़ शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में करीब दाे साल पहले वृद्धा की हत्या कर चांदी की कड़िया लूटने के लिए पैर काटने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने गवाहों के बयान और दस्तावेजी साक्ष्य को मुख्य मानते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई।
लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि चित्तौड़गढ़ शहर के चामटीखेड़ा में दिवाकर नगर निवासी चांदीबाई पत्नी प्रताप सालवी की 26 जुलाई 2022 को हत्या हो गई थी। चांदीबाई अपने घर में अकेली थी। इस दौरान अभियुक्त राकेश चमार मकान में घुस गया। यहां चांदी बाई की हत्या कर दी और पैर में पहनी चांदी की कड़ियां लूटने के लिए पैर काट दिए। चांदी की कड़ियां निकाल कर वह भागने वाला ही था कि तभी मृतका का पुत्र अंबालाल मकान पर घास लेने आया आ गया। कमरे में घुसा तो अभियुक्त उसे धक्का देकर भागने लगा। इससे अंबालाल असंतुलित हो गया। प्रार्थी ने कमरे में देखा तो उसकी मां की मौत हो चुकी थी। इस पर वह बाहर आकर चलाया तो आस पास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए।
अभियुक्त राकेश चमार कॉलोनी के ही एक मकान की छत पर बने बाथरूम में छिप गया था गया था। इसे भागते हुए बद्रीलाल की चचेरी बहन ने भी देखा था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची जहां से अभियुक्त को मौके से ही पकड़ लिया। इस संबंध में प्रार्थी अंबालाल पुत्र प्रताप सालवी ने कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज करवाया था। पुलिस ने हत्या सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले का अनुसंधान किया। अभियुक्त भीलवाड़ा जिले के बडलियास थाना क्षेत्र में आने वाले चांदगढ़ निवासी राकेश पुत्र बद्रीलाल चमार के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 52 दस्तावेज प्रदर्शित किए और 17 गवाहों के बयान करवाए।
न्यायालय ने प्रार्थी अंबालाल तथा इसके एक अन्य रिश्तेदार के बयानों को महत्वपूर्ण माना। अभियुक्त जिस दुकान से हथियार लेकर आया था उसे दुकानदार की गवाही भी इस प्रकरण में महत्वपूर्ण रही। साथ ही गवाह ने अपनी दुकान पर लगे सीसी टीवी कैमरे के फुटेज भी उपलब्ध करवाई थे। मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने अभियुक्त को हत्या के मामले में दोषी माना। अभियुक्त को धारा 302 में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपए अर्थदंड व धारा 455 में 10 साल का कठोर कारावास 10 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया।