प्रदूषित हवा में सांस लेना गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए सबसे खतरनाक है।

प्रदूषित हवा में सांस लेना गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए सबसे खतरनाक है।

बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा हानिकारक गैसों और कणों से भरी हुई है, जो सांस लेने पर सीधे हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। ये कण न केवल आम जनता के लिए हानिकारक हैं बल्कि गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे शिशुओं के लिए भी बेहद खतरनाक हैं। प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भवती माताओं और शिशुओं के लिए कई समस्याएं हो सकती हैं।

हाल ही में वैज्ञानिकों को पहली बार तीन महीने के भ्रूण के शरीर में वायु प्रदूषण के कण मिले हैं। भ्रूण के यकृत, फेफड़े और मस्तिष्क में नैनोकण पाए गए हैं। यह इस बात का सबूत है कि प्रदूषण नाल को पार करता है और मां की सांस के माध्यम से भ्रूण तक पहुंचता है। गर्भवती महिलाओं के प्रदूषित हवा में सांस लेने से बच्चे के मस्तिष्क और फेफड़ों के विकास पर असर पड़ता है। इससे बच्चे में कम वजन, सीखने की अक्षमता और बौद्धिक अक्षमता जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।

शोध के मुताबिक, प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क और फेफड़ों के विकास पर असर पड़ता है।

प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन कम हो जाता है।कम वजन के साथ पैदा होने वाले शिशुओं को कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

शोध के मुताबिक प्रदूषित हवा में सांस लेने से बच्चों की सीखने और समझने की क्षमता कम हो जाती है।