पहलगाम आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाए गए कदमों से भारत स्तब्ध है। पिछले दो दिनों से भारत को परमाणु हमले की धमकी दे रहे पाकिस्तान ने नई चाल शुरू कर दी है। ऐसे में पाकिस्तान ने सबसे पहले चीन से मदद मांगी थी। इसलिए अब चीन के बाद सऊदी अरब और ब्रिटेन ने भी मदद मांगी है।
पाकिस्तान ने ब्रिटेन से भी मदद मांगी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री को फोन कर मदद मांगी। डार ने न केवल चीन, बल्कि ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी और अन्य क्षेत्रीय समकक्षों को भी स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाया है।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी को फोन कर उन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। डार के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने एकतरफा कार्रवाई और आधिपत्यवादी नीतियों का विरोध किया।
आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए और 17 घायल हो गए। यह हमला पहलगाम की बैसरन घाटी में किया गया, जिसमें आतंकवादियों ने चुनिंदा लोगों को निशाना बनाया।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने उठाए ये कदम
पहलगाम हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की है। भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़े युद्ध हो चुके हैं लेकिन यह संधि पहले कभी निलंबित नहीं की गई।
कैबिनेट समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के संबंध में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।