बिहार की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ लिया है। आरएलजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने खुद पटना में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘हम 2014 से एनडीए के साथ हैं, लेकिन एनडीए के लोगों ने हमारे साथ अन्याय किया है।’ अब पशुपति पारस महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
महागठबंधन में शामिल होने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
खबरों के मुताबिक, गुरुवार (17 अप्रैल) को पटना में बिहार चुनाव से जुड़ी महागठबंधन की पहली औपचारिक बैठक में पशुपति पारस भी शामिल होंगे। हालांकि, रालोसपा या महागठबंधन में शामिल किसी भी दल की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। अगर पारस इस बैठक में शामिल होते हैं तो वह महागठबंधन में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे।
गौरतलब है कि भीमराव अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पशुपति पारस ने एनडीए छोड़ने का आधिकारिक ऐलान किया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में दरकिनार किए जाने के बाद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाखुश थे। पिछले आम चुनावों में भाजपा ने पारस की पार्टी की तुलना में लोजपा के चिराग पासवान गुट को तरजीह दी थी। इसके कारण आरएलजेपी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं जीत सकी।
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