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बदलती जीवनशैली में दिल का ख्याल रखें

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी लापरवाह हो गए हैं, जिसके कारण हम कई तरह की छोटी-मोटी शारीरिक समस्याओं या बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। हैरानी तब और बढ़ जाती है जब हम कहीं बढ़ते युवाओं में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों की खबर पढ़ते-सुनते हैं।

दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार कारण

आजकल हमारा रहन-सहन, खान-पान बहुत बदल गया है। आसपास का प्राकृतिक वातावरण भी प्रदूषित हो गया है। इसके कारण कुछ सामान्य समस्याएं या बीमारियाँ जैसे शरीर का अधिक वजन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च तनाव, जंक फूड या डिब्बाबंद भोजन के अलावा किसी नशीले पदार्थ का सेवन आदि मुख्य कारण हैं जो दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार होते हैं। कुछ छोटे बच्चों पर अनावश्यक बोझ, चाहे वह अधिक अंक लाना हो, स्कूल या कॉलेज में प्रथम आना हो या माता-पिता की इच्छा के अनुसार कोई पेशा चुनना हो, मानसिक पीड़ा का कारण बनेगा। आज इन सब से बचने की जरूरत है।

जीने का तरीका बदलना होगा

ये सब जानकर भी हम अंजान बने रहते हैं क्योंकि हम दिल की असली बातों से वाकिफ नहीं होते। शायद यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हृदय संबंधी मामलों के प्रति अज्ञानता में जी रहे लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2000 से हर वर्ष 29 सितंबर को ‘हृदय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया और 2014 से ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ भी ‘हृदय दिवस’ के रूप में मनाने लगा। मनाया जाने लगा. इसे मनाने का मुख्य कारण लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है क्योंकि हृदय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके रखरखाव के लिए हमें अपनी जीवनशैली में कुछ हद तक बदलाव करना होगा। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना काल के बाद इंसानों में हृदय रोग से लड़ने की ताकत कम हो गई है। आइए जानते हैं दिल की बीमारियों से बचने के कुछ टिप्स, जिनसे काफी हद तक बचा जा सकता है:-

हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको समय पर सोने और सुबह समय पर उठने की आदत अपनानी होगी।

ज्यादा देर तक कंप्यूटर या मोबाइल को देखते रहना भी तनाव का कारण बनता है। इन सभी का उपयोग बिना देर किए कम करने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।

शाम सात बजे तक डिनर कर लेना एक अच्छी आदत है और खाना प्रोटीन और फाइबर युक्त हो तो और भी अच्छा है।

मोटापा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बिना देर किए कम करना चाहिए।

रोजाना टहलने या कुछ देर व्यायाम करने की आदत हमें कई अन्य बीमारियों से भी बचाती है। करीब जाने के लिए पैदल चलना या साइकिल का इस्तेमाल करने से भी शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है।

नियमित चिकित्सा जांच करानी चाहिए और बीमारी के लक्षण पाए जाने पर तुरंत इलाज शुरू करना चाहिए।

जितना हो सके जागरूक रहें

हृदय पर कोई भी प्रभाव पूरे मानव शरीर को प्रभावित करता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जागरूक किया जाए क्योंकि यह दिल का मामला है। अगर दिल मजबूत है तो हमारे सारे फैसले, हमारे सपने और सपनों से लड़ने की इच्छाशक्ति भी मजबूत रहती है।