लुधियाना: शनिवार को लोक मंच पंजाब ने पंजाबी साहित्य अकादमी लुधियाना के सहयोग से पंजाबी भवन में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया। समारोह के मुख्य अतिथि दूरदर्शन केंद्र जालंधर के कार्यक्रम प्रमुख पुनित सहगल थे, जबकि समारोह का उद्घाटन पद्मश्री सुरजीत पातर ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर गुरभजन सिंह गिल ने की। इस अवसर पर सरोमणि गायक पाली देतवालिया को नंद लाल नूरपुरी पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ. गुरइकबाल सिंह ने पाली देतवालिया के व्यक्तित्व और पंजाबी गीत लेखन पर प्रकाश डाला। इसके बाद डॉ. निर्मल जोरा ने पाली देतवालिया को दिए जाने वाले अभिनंदन का वाचन किया।
इस मौके पर पंजाबी साहित्य अकादमी लुधियाना के अध्यक्ष डॉ. लखविंदर सिंह जौहल ने कहा कि पंजाबी संस्कृति की सेवा करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करना सराहनीय कार्य है। उन्होंने पाली देतवालिया के साथ-साथ प्रोफेसर गुरभजन गिल का भी जिक्र किया, जिन्हें पिछले साल पहला नंद लाल नूरपुरी पुरस्कार दिया गया था। इस मौके पर पाली को बधाई देते हुए प्रोफेसर गुरभजन गिल ने बताया कि उनके लिखे गाने और पाली के गाने रिकॉर्ड होने के बाद उन्हें और अच्छे लगने लगे. इस मौके पर पद्मश्री सुरजीत पातर ने पुरस्कार की स्थिति के बारे में बताया। पातर ने पाली देतवालिया को पुरस्कार मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि अपनी कला की बदौलत पाली ने गीत लेखन और गायन के क्षेत्र में एक लंबा सफर तय किया है.
‘पंजाबी जागरण’ से बातचीत में मालवा कल्चरल फोरम के चेयरमैन केके बावा ने कहा कि सरकार को उन वरिष्ठ कलाकारों को पेंशन देनी चाहिए, जिनके मुख्यमंत्री खुद कला से जुड़े रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में लोक मंच पंजाब के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह सुन्नर ने आये हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया।
प्रोफेसर रविंदर सिंह भट्ठल के अलावा, बलबीर मान, बलविंदर मोही, सरबजीत सिंह विरदी, कुलविंदर कौर किरण, सिमरन धुगा, सुखविंदर सुखी, गिल नथोहेरी, करमदीप विरदी, सुख चमकीला, अश्वनी जेटली, अश्वनी वर्मा, रविंदर रवि, सर्वजीत चिमटेवाली, कथावाचक और पंजाबी भवन के कार्यालय प्रभारी सुरिंदर दीप, जसमेर ढट्ट, सोहन सिकंदर, परगट खान, जगदेव खान, राजू कुलचियांवाला, अमरजीत शेरपुरी, दीप लुधियानवी, वीर सुखवंत, नरिंदर नूर, बलकौर गिल, सुरेश यमला, सुरिंदर बारा, गुरप्रीत सिंह सोहल, परमजीत कौर महक, राजदीप सिंह तूर, गुलजार सिंह पंधेर, कर्नल सिविया, कमलजीत निलोन और सेवा सिंह नॉर्थ मौजूद थे।
पुरस्कार से बढ़ी जिम्मेदारी : पाली देतवालिया
पुरस्कार देने के लिए आयोजकों को धन्यवाद देते हुए स्रोमणी गायिका पाली देतवालिया ने कहा कि आज मिले नंद लाल नूरपुरी पुरस्कार से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। पाली ने यह भी आश्वासन दिया कि वह पारिवारिक और सांस्कृतिक गीत लिखने और गाने की अपनी इस यात्रा को जारी रखेंगे। सभी के अनुरोध पर पाली ने कदे धीयां खी करो ज्यूं जोगिस और चली गांव जमीन लुधियाना खा गया गाने की कुछ पंक्तियां भी प्रस्तुत कीं।