गौतम अडानी को समन: अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग मामले में उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ जारी समन अहमदाबाद पहुंच गया है, लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। केन्द्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा दिनांकित. 27 फरवरी को सुनवाई के लिए सम्मन भेजा गया। समन में आग्रह किया गया है कि यदि समन की तामील नहीं की जा सकती तो अंग्रेजी में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए जिसमें यह बताया जाए कि इसकी तामील क्यों नहीं की जा सकी। इस अंतर्राष्ट्रीय मामले में अडानी को तत्काल समन भेजे जाने के संबंध में अहमदाबाद पुलिस और अदालती सूत्रों की अज्ञानता या चुप्पी, बहस का विषय है।
पिछले साल नवंबर में अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने गौतम अडानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसमें सागर अडानी और अडानी ग्रीन लिमिटेड के अन्य अधिकारियों को भी पक्ष बनाया गया था। आरोप है कि सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर परियोजनाओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया गया।
इस मामले में अमेरिका ने केंद्र सरकार से उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग मामले में आगे की जांच शुरू करने में मदद मांगी, क्योंकि दोनों देशों के बीच कानूनी मामलों में आपसी सहयोग की संधि है।
अमेरिका के अनुरोध के बाद अडानी को समन नोटिस भेजा गया था। केंद्र सरकार द्वारा अहमदाबाद सत्र न्यायालय को समन भेजा गया है और अदालत को इसे अडानी के अहमदाबाद स्थित आवास पर पहुंचाने को कहा गया है।
यह समन नोटिस दिनांकित है 27 फरवरी को केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने इसे अहमदाबाद के जिला एवं सत्र न्यायालय को भेज दिया। यह भी आग्रह किया गया है कि यदि समन इस न्यायालय के लिए प्रासंगिक नहीं है तो उसे किसी अन्य प्रासंगिक न्यायालय में भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाए।
हालांकि, यदि समन की तामील नहीं हो पाती है तो केंद्र सरकार ने सरकार से अंग्रेजी में एक रिपोर्ट भेजने का भी आग्रह किया है, जिसमें यह बताया जाए कि समन की तामील क्यों नहीं हो सकी।
भारत और अमेरिका ने कानूनी मामलों में सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है क्योंकि अमेरिका की एक अदालत में कानूनी मामला लंबित है। इस स्थिति में यह मानने का कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार द्वारा 27 फरवरी को जारी किया गया समन नोटिस 15 दिनों तक वैध नहीं रहेगा। भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय मामलों में पीछे नहीं रहना चाहती। अहमदाबाद पुलिस और अदालती सूत्रों की अज्ञानता या चुप्पी कानूनी और वकील हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
अडानी के खिलाफ क्या मामला है?
नवंबर 2024 में अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने गौतम अडानी के खिलाफ मामला दर्ज किया। जिसमें सागर अडानी और अडानी ग्रीन लिमिटेड के अन्य अधिकारियों को पक्ष बनाया गया था। जिसमें सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर परियोजनाओं को अपने पक्ष में हासिल करने का प्रयास करने का आरोप है।