मेरठ, 10 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व राष्ट्रदेव पत्रिका के संपादन सहयोगी नीरज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम कथा में राम के लौकिक जीवन को ही बार-बार अलौकिक रुप में स्थापित किया है। श्रीराम के आदर्श मनुज तत्व की ही भगवान के रूप में तुलसी ने स्थापना की है। तुलसी द्वारा मानव महिमा का सर्वाेत्कृष्ट निदर्शन राम में मिलता है। तुलसी ने मानव उत्थान के लिए जो संदेश दिया, वह वर्तमान में भी मानव अभ्युदय के लिए सार्थक है।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ महानगर एवं इंटेक मेरठ चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई। श्रद्धापुरी फेज-1 स्थित आनंद आश्रम में उत्तराखंड के पूर्व सहायक गन्ना आयुक्त आनंद जौहरी की अध्यक्षता में ’तुलसीकृत श्रीरामचरित मानस: वर्तमान प्रासंगिकता’ विषय पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती पर माल्यार्पण व दीप जलाकर किया गया।
परिषद के महामंत्री डॉ. शीलवर्धन ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस के रूप में एक कालजयी रचना लिखी, जिससे मानव को भगवान श्रीराम की भक्ति में ओतप्रोत होने का अवसर मिला। कार्यक्रम अध्यक्ष आंनद जौहरी ने श्रीरामचरितमानस को विश्व धरोहर बताते हुए कहा कि श्रीरामचरितमानस जन-जन के लिए उपयोगी है। आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने श्रीरामचरित पर आधारित सुंदर काव्य पाठ किया। कवि संजय शर्मा, कोमल रस्तोगी, संजय जैन सत्यम, मुक्ता शर्मा, रामलखन पटेल उत्तम ने रचनाओं का पाठ किया। संचालन कोमल रस्तोगी ने किया। इस अवसर पर रेखा जौहरी, हरीश पाराशर, मनमोहन भल्ला, जनार्दन शर्मा, डॉ. देशराज सिंह आदि उपस्थित रहे।