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चिराग पासवान ने बीपीएससी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा परीक्षा की मांग की

Chiarg Paswan Nitish Kumar 17371

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा)-रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य सरकार से परीक्षार्थियों की दोबारा परीक्षा लेने की मांग की है। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, और चिराग की पार्टी लोजपा-आर भी एनडीए का हिस्सा है।

चिराग ने कहा कि उनका प्रशांत किशोर के तरीकों और बयानों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन जिस मुद्दे पर उन्होंने अनशन किया था, उस पर वह भी सहमत हैं। चिराग ने बिहार सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बीपीएससी परीक्षा में किसी भी परीक्षार्थी के साथ अन्याय न हो।

धांधली की आरोपों पर चिराग का बयान

चिराग पासवान ने शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हर व्यक्ति का अपनी बात रखने का तरीका अलग होता है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि वह भी प्रशांत किशोर के उठाए गए मुद्दों से सहमत हैं। चिराग ने कहा,
“यह बिहार सरकार की जिम्मेदारी है कि बीपीएससी के छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो। जिस तरीके से कुछ छात्रों की परीक्षा फिर से ली गई, वह गलत है। दो बार परीक्षा देने से किसी न किसी को लाभ होता है। यह एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी।”

पुनर्परीक्षा पर चिराग ने उठाए सवाल

चिराग ने बीपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों का हवाला देते हुए कहा,
“धांधली जरूर हुई है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो पुनर्परीक्षा क्यों होती? जिस केंद्र पर पुनर्परीक्षा हुई, वहां 22 नए केंद्र बनाए गए। इस प्रकार, 22 केंद्रों पर धांधली हुई है। मेरे खुद के परिवार के बच्चों ने परीक्षा दी है, जिन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र देर से मिला और कई जगहों पर जितने परीक्षार्थी थे, उतने प्रश्न पत्र भी नहीं थे।”

पेपर लीक की जांच की मांग

चिराग पासवान ने आगे कहा,
“यह स्पष्ट रूप से गाइडलाइंस में उल्लेखित है कि अगर परीक्षा के दौरान पेपर लीक होता है और वह सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पहले आ जाता है, तो परीक्षा को रद्द कर देना चाहिए। यह घटना हुई है। जब तक परीक्षा चल रही थी, तब तक एक्स अकाउंट और व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर लीक हुए थे। बीपीएससी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और एक उच्चस्तरीय जांच करवानी चाहिए। बाद में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और फिर से सभी बच्चों को परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाना चाहिए।”

राजनीतिक आंदोलन और विरोध

13 दिसंबर को हुई बीपीएससी परीक्षा में धांधली के आरोपों के बाद कई परीक्षार्थियों ने आंदोलन शुरू किया था। इस आंदोलन को लेकर प्रशांत किशोर, पप्पू यादव, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने सड़क पर धरना और प्रदर्शन भी किया है। बीपीएससी ने इन आरोपों पर प्रशांत किशोर और कोचिंग शिक्षक खान सर समेत कई लोगों को नोटिस भेजा है और आरोपों के सबूत देने या माफी मांगने की चेतावनी दी है।

चिराग पासवान के इस मुद्दे को उठाने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग से पटना में राजनीतिक पारा चढ़ सकता है।