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अमेरिका से 119 भारतीयों को लेकर लौटेगा सैन्य विमान, निर्वासन पर फिर गरमाई सियासत

An Us Air Force C 17 Globemaster

अमेरिका से 119 भारतीय नागरिकों को लेकर सी-17 ग्लोबमास्टर III सैन्य विमान शनिवार रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगा। यह दूसरी बार है जब अमेरिका द्वारा भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा रहा है।

इससे पहले, पिछले महीने अमेरिका ने 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किया था। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसके तहत इन भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का केंद्र पर निशाना

🔹 पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने की इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
🔹 उन्होंने केंद्र सरकार पर पंजाब को बदनाम करने का आरोप लगाया।
🔹 मान ने कहा कि बार-बार पंजाब के प्रवासियों को निर्वासित कर राज्य की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है।

किन राज्यों के लोग किए गए डिपोर्ट?

🔹 पंजाब – 67 लोग
🔹 हरियाणा – 33 लोग
🔹 गुजरात – 8 लोग
🔹 उत्तर प्रदेश – 3 लोग
🔹 राजस्थान और महाराष्ट्र – 2-2 लोग
🔹 जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश – 1-1 व्यक्ति

👉 अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, जब तक सभी अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस नहीं भेज दिया जाता, तब तक निर्वासन की प्रक्रिया जारी रहेगी।

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मोदी-ट्रंप वार्ता और इमिग्रेशन पर सख्ती

📌 यह निर्वासन ऐसे समय में हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।
📌 इस बैठक में इमिग्रेशन सहित कई अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई।
📌 मोदी ने अमेरिका से प्रवासियों के शोषण को रोकने और मानव तस्करी नेटवर्क को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
📌 भारत सरकार ने सत्यापित भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी में सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।

हथकड़ी और बेड़ियों में भेजे गए भारतीय, भारत में भड़का गुस्सा

🚨 अमेरिका ने निर्वासित भारतीयों को सैन्य विमान में हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर भेजा, जिससे भारत में कड़ी आलोचना हो रही है।

🛑 अमेरिकी इमिग्रेशन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने इस व्यवहार का बचाव किया। उनका कहना है कि यह सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है, ताकि कोई भागने या अव्यवस्था फैलाने की कोशिश न करे।

❌ हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि यह अमानवीय तरीका है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने सिर्फ इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन किया और कोई गंभीर अपराध नहीं किया।