News India Live, Digital Desk: अब बच्चों के स्कूल की फीस भरने के लिए आपको लंबी लाइनों में लगने या बैंक जाकर चालान कटवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केंद्र सरकार ने देश के सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द फीस जमा करने के लिए UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) का विकल्प शुरू करें.
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
शिक्षा मंत्रालय ने यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान को बढ़ावा देने और अभिभावकों को सुविधा देने के मकसद से उठाया है. इस पहल के पीछे कई बड़े कारण हैं:
- अभिभावकों के लिए आसानी: अब माता-पिता घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से Google Pay, PhonePe, Paytm या किसी भी अन्य UPI ऐप के जरिए आसानी से और सुरक्षित तरीके से फीस भर सकेंगे. इससे उनका समय बचेगा और स्कूल जाकर कैश जमा करने या चेक देने का झंझट खत्म होगा.
- पारदर्शिता और रिकॉर्ड: UPI से किए गए सभी भुगतान का डिजिटल रिकॉर्ड होता है, जिससे लेनदेन में पूरी पारदर्शिता आएगी. इससे स्कूल और अभिभावक दोनों के पास भुगतान का पक्का सबूत रहेगा और किसी भी तरह के विवाद की गुंजाइश कम होगी.
- वित्तीय गड़बड़ी पर लगेगी रोक: डिजिटल भुगतान से कैश लेनदेन कम होगा, जिससे वित्तीय प्रबंधन में होने वाली गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की संभावना भी खत्म होगी.
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: जब देश के करोड़ों छात्र और अभिभावक फीस भरने के लिए UPI का इस्तेमाल करेंगे, तो इससे देश में डिजिटल लेनदेन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और कैश पर निर्भरता कम होगी.
क्या स्कूलों को माननी होगी यह बात?
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी इस सर्कुलर में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अपने यहां के स्कूलों में इस व्यवस्था को लागू कराएं. यह निर्देश सभी तरह के स्कूलों – सरकारी, प्राइवेट, केंद्रीय विद्यालय, और नवोदय विद्यालय – पर लागू होगा.
सरकार का यह फैसला न सिर्फ अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह स्कूलों के प्रशासनिक कामकाज को भी आसान और अधिक पारदर्शी बनाने में मदद करेगा.
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